Wednesday, December 24, 2014
Wednesday, December 17, 2014
Friday, November 7, 2014
मेरे दिल में तू ऐसे कहीं उतर सी गयी है....
मेरे दिल में तू ऐसे कहीं उतर सी गयी है‚
♪ उतर कर सांसों में थम सी गयी है ♪
कि आइने में देखता हूँ खुद को‚
पर सूरत मेरी कहीं खो सी गयी है
♫ सीरत तो मेरी है ♫
पर सूरत तुम्हारी हो गयी है
सपने देखता तो हूँ दिन में भी‚
पर नींद मेरी कहीं खो सी गयी है
♪ सपने तो मेरे हैं पर ♪
उनमे भी झलक तुम्हारी ही हो गयी है
दिल–ओ–दिमाग तो मेरा है‚
पर उनमें सोंच भी तो तेरी ही हो गयी है
♫ मैं तो जैसे दुनिया की भीड़ में कहीं खो सा गया हूँ ♫
पर मुझमें तू पूरी तरह से समा गयी है
मेरी जिन्दगी का तो कुछ पता ही नहीं‚
पर मेरी दुनिया तो तुझमें ही सिमट सी गयी है।।
♪ उतर कर सांसों में थम सी गयी है ♪
कि आइने में देखता हूँ खुद को‚
पर सूरत मेरी कहीं खो सी गयी है
♫ सीरत तो मेरी है ♫
पर सूरत तुम्हारी हो गयी है
सपने देखता तो हूँ दिन में भी‚
पर नींद मेरी कहीं खो सी गयी है
♪ सपने तो मेरे हैं पर ♪
उनमे भी झलक तुम्हारी ही हो गयी है
दिल–ओ–दिमाग तो मेरा है‚
पर उनमें सोंच भी तो तेरी ही हो गयी है
♫ मैं तो जैसे दुनिया की भीड़ में कहीं खो सा गया हूँ ♫
पर मुझमें तू पूरी तरह से समा गयी है
मेरी जिन्दगी का तो कुछ पता ही नहीं‚
पर मेरी दुनिया तो तुझमें ही सिमट सी गयी है।।
तुम्हारी ये आँखें....
कुछ जादू सा करती हैं…… तुम्हारी ये आँखें
बहुत कुछ बोलती हैं…… ये आँखें,,,
तुम कहती हो कुछ खास नहीं हैं..... ये आँखें,
और मैं कहता हूँ दुनिया में सबसे खास हैं..... ये आँखें,
दिल के सारे हाल बयां कर देती हैं..... ये आँखें,
सपनों में आकर नींद को भी चुरा लेती हैं..... ये आँखे,
धड़कनों को भी तेज कर देती हैं..... ये आँखें,
दिल पर चलता नहीं जादू चेहरों और खूबसूरती का,
दिल को तो दीवाना बना देती हैं..... ये आँखें।
आप हमसे बात नहीं करते तो ना करें,
लेकिन हाल सारा आपके दिल का सुना देती हैं..... ये आँखें।
गम सदा रहता है इन्सान के साथ‚
पर उस गम को आँसू बनाकर छलका देती हैं..... ये आँखें।
ना जाने कितने सुन्दर सपने भी दिल में बसा देती हैं..... ये आँखें‚
माना कि नींद आती है आँखों के ही रास्ते‚
मगर कभी कभार नींद भी उड़ा देती हैं...... ये आँखें।
दिल के सारे दर्द छुपा लेती हैं.... ये आँखें‚
अब इससे ज्यादा क्या बोलूँ ????
मेरी सिमटी दुनिया हैं....... ये आँखें।।
बहुत कुछ बोलती हैं…… ये आँखें,,,
तुम कहती हो कुछ खास नहीं हैं..... ये आँखें,
और मैं कहता हूँ दुनिया में सबसे खास हैं..... ये आँखें,
दिल के सारे हाल बयां कर देती हैं..... ये आँखें,
सपनों में आकर नींद को भी चुरा लेती हैं..... ये आँखे,
धड़कनों को भी तेज कर देती हैं..... ये आँखें,
दिल पर चलता नहीं जादू चेहरों और खूबसूरती का,
दिल को तो दीवाना बना देती हैं..... ये आँखें।
आप हमसे बात नहीं करते तो ना करें,
लेकिन हाल सारा आपके दिल का सुना देती हैं..... ये आँखें।
गम सदा रहता है इन्सान के साथ‚
पर उस गम को आँसू बनाकर छलका देती हैं..... ये आँखें।
ना जाने कितने सुन्दर सपने भी दिल में बसा देती हैं..... ये आँखें‚
माना कि नींद आती है आँखों के ही रास्ते‚
मगर कभी कभार नींद भी उड़ा देती हैं...... ये आँखें।
दिल के सारे दर्द छुपा लेती हैं.... ये आँखें‚
अब इससे ज्यादा क्या बोलूँ ????
मेरी सिमटी दुनिया हैं....... ये आँखें।।
एक ख्वाब...
कल रात कली एक ख्वाब में आयी....
धीरे से मेरी नींद उड़ायी....
चुपके से दिल की बात कही‚‚‚‚
कह गयी वो दिल के राज कई।।
वो बातें जो कब से दिल में थीं‚‚‚‚
जो इससे पहले उसने किसी से कहीं नहीं।।
कह गयी क्यों रखा है छुपा के???
अपने दिल को इतना तड़पा के।। ।।
मैं सुनता रहा,,,
पर,,, कुछ कह न सका
वो बातें जो उसने मुझसे कहीं,
मेरी यादें जिसका कोई राज़ ना था....
आज बचा न था उससे राज कोई।।
हर बीते और गुजरे पल का एहसास हुआ...
दुःख मुझको इतना आज हुआ।। ।।
रोता रहा जब आँख खुली,,,
किये हैं गुनाह मैंने जो कई।।
कहने की तो हिम्मत मुझमें है नहीं,,,
कहता हूँ तुमसे मैं आज यही.....
कर देना माफ मुझे तुम,,,,
दिये हैं दर्द जो तुमको मैंने कई।। ।।
धीरे से मेरी नींद उड़ायी....
चुपके से दिल की बात कही‚‚‚‚
कह गयी वो दिल के राज कई।।
वो बातें जो कब से दिल में थीं‚‚‚‚
जो इससे पहले उसने किसी से कहीं नहीं।।
कह गयी क्यों रखा है छुपा के???
अपने दिल को इतना तड़पा के।। ।।
मैं सुनता रहा,,,
पर,,, कुछ कह न सका
वो बातें जो उसने मुझसे कहीं,
मेरी यादें जिसका कोई राज़ ना था....
आज बचा न था उससे राज कोई।।
हर बीते और गुजरे पल का एहसास हुआ...
दुःख मुझको इतना आज हुआ।। ।।
रोता रहा जब आँख खुली,,,
किये हैं गुनाह मैंने जो कई।।
कहने की तो हिम्मत मुझमें है नहीं,,,
कहता हूँ तुमसे मैं आज यही.....
कर देना माफ मुझे तुम,,,,
दिये हैं दर्द जो तुमको मैंने कई।। ।।
चेहरा मेरा... पर झलक उस की...
चेहरा मेरा... पर झलक उस की...
आँखे मेरी... पर निग़ाहें उस की...
दिल मेरा... पर धड़कन उस की...
दिमाग मेरा... पर सोंच उस की...
शरीर मेरा... पर जान उस की...
जीवन मेरा... पर साँसे उस की...
- दीपराज सेंगर
आँखे मेरी... पर निग़ाहें उस की...
दिल मेरा... पर धड़कन उस की...
दिमाग मेरा... पर सोंच उस की...
शरीर मेरा... पर जान उस की...
जीवन मेरा... पर साँसे उस की...
- दीपराज सेंगर
Thursday, October 16, 2014
तेरा एहसास..... और मेरा प्यार......
ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ
जाने मुझे हक़ है या नहीं,
पर तुम्हारी परवाह करना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुमसे प्यार करना सही है या नहीं,
पर इस एहसास में जीना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
कभी हम साथ होंगें या नहीं,
पर ये ख्वाब देखना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम मेरे हो या नहीं पर,
तुम्हें अपना कहना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
दिल को बहलाया तो बहुत पर, ये कमबख्त मानता ही नहीं,
शायद इसे भी सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही धड़कना अच्छा लगता है|।|❤|।|
ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ
तुम्हारे बिन चुप–चुप रहना अच्छा लगता है।
खामोशी़ से सारे दर्द को सहना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम्हारी याद में आंसू बरसते हैं‚‚‚
पर सामने तुम्हारे कुछ न कहना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
मिलकर तुमसे बिछड़ न जायें‚‚‚ डरते रहते हैं...
इसलिये बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।। ।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
दिल करता है‚‚‚ अपनी सारी खुशियाँ लाकर तुम्हें दे दूँ।
क्योंकि तुम्हारे प्यार में सब कुछ खोना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम्हारा मिलना या न मिलना किस्मत की बात है‚‚‚
पर पल–पल तुम्हारी याद में रोना अच्छा लगता है।। ।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तम्हारे बिना सारी खुशियाँ, मुझे गम सी लगती ‚‚‚
और तुम्हारा साथ हो तो बड़ी से बड़ी परेशानियाँ भी कम सी लगती हैं।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम्हारी यादों में खोकर सोना अच्छा लगता है।
दूर रहकर भी तुमसे‚‚‚
हरपल तुम्हारे साथ होने के एहसास में जीना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
हमसे मुहब्बत की नुमाइशें न हो सकीं‚‚‚
लेकिन फिर भी बस इतना जानते हैं कि‚‚‚
तुमको हमेशा चाहते रहना अच्छा लगता है।।
जाने मुझे हक़ है या नहीं,
पर तुम्हारी परवाह करना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुमसे प्यार करना सही है या नहीं,
पर इस एहसास में जीना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
कभी हम साथ होंगें या नहीं,
पर ये ख्वाब देखना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम मेरे हो या नहीं पर,
तुम्हें अपना कहना अच्छा लगता है।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
दिल को बहलाया तो बहुत पर, ये कमबख्त मानता ही नहीं,
शायद इसे भी सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही धड़कना अच्छा लगता है|।|❤|।|
ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ
तुम्हारे बिन चुप–चुप रहना अच्छा लगता है।
खामोशी़ से सारे दर्द को सहना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम्हारी याद में आंसू बरसते हैं‚‚‚
पर सामने तुम्हारे कुछ न कहना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
मिलकर तुमसे बिछड़ न जायें‚‚‚ डरते रहते हैं...
इसलिये बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।। ।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
दिल करता है‚‚‚ अपनी सारी खुशियाँ लाकर तुम्हें दे दूँ।
क्योंकि तुम्हारे प्यार में सब कुछ खोना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम्हारा मिलना या न मिलना किस्मत की बात है‚‚‚
पर पल–पल तुम्हारी याद में रोना अच्छा लगता है।। ।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तम्हारे बिना सारी खुशियाँ, मुझे गम सी लगती ‚‚‚
और तुम्हारा साथ हो तो बड़ी से बड़ी परेशानियाँ भी कम सी लगती हैं।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
तुम्हारी यादों में खोकर सोना अच्छा लगता है।
दूर रहकर भी तुमसे‚‚‚
हरपल तुम्हारे साथ होने के एहसास में जीना अच्छा लगता है।।
♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫ ♪ ♬ ♪ ♫
हमसे मुहब्बत की नुमाइशें न हो सकीं‚‚‚
लेकिन फिर भी बस इतना जानते हैं कि‚‚‚
तुमको हमेशा चाहते रहना अच्छा लगता है।।
ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ ღ
Tuesday, October 14, 2014
कोई जानकर नहीं करता मुहब्बत...
कोई जानकर नहीं करता मुहब्बत...
ये तो इन आँखों का असर है‚
इन्सान का कुसूर कुछ नहीं‚
जो कुसूर है वो इन आँखों का है....
दिल से नहीं मिलते इन्सान‚‚‚
मिलते भी हैं इन आँखों से
और एक भी हो जाते हैं इन आँखों से.....
–दीपराज सेंगर
https://www.facebook.com/deepraj4321/media_set?set=a.476854279089789&type=3
ये तो इन आँखों का असर है‚
इन्सान का कुसूर कुछ नहीं‚
जो कुसूर है वो इन आँखों का है....
दिल से नहीं मिलते इन्सान‚‚‚
मिलते भी हैं इन आँखों से
और एक भी हो जाते हैं इन आँखों से.....
–दीपराज सेंगर
https://www.facebook.com/deepraj4321/media_set?set=a.476854279089789&type=3
♥ जिन्दगी तो नाम को सिर्फ मेरी है... ♥
जिन्दगी तो नाम को सिर्फ मेरी है‚
वैसे तो ये सिर्फ तुम्हारी है।।
सारे जहां के दरमियां बात भी सबसे अलग तुम्हारी है।।
तुम इस जहां में कुछ खास हो‚
तभी तो दुनिया की भीड़ में भी कुछ अलग पहचान तुम्हारी है।।
मेरी तो सांसें भी तुम्हारी हैं‚
तभी तो इन सांसों में खुशबू भी सिर्फ तुम्हारी है।।
अब तो मोहब्बत का आलम ये है कि‚
आइने में देखता तो खुद को हूं‚‚
पर उस आइने में दिखती सूरत सिर्फ तुम्हारी है।।♥।।
–दीपराज सेंगर
www.facebook.com/deepraj4321/media_set?set=a.476854279089789.100002956624424&type=3
वैसे तो ये सिर्फ तुम्हारी है।।
सारे जहां के दरमियां बात भी सबसे अलग तुम्हारी है।।
तुम इस जहां में कुछ खास हो‚
तभी तो दुनिया की भीड़ में भी कुछ अलग पहचान तुम्हारी है।।
मेरी तो सांसें भी तुम्हारी हैं‚
तभी तो इन सांसों में खुशबू भी सिर्फ तुम्हारी है।।
अब तो मोहब्बत का आलम ये है कि‚
आइने में देखता तो खुद को हूं‚‚
पर उस आइने में दिखती सूरत सिर्फ तुम्हारी है।।♥।।
–दीपराज सेंगर
www.facebook.com/deepraj4321/media_set?set=a.476854279089789.100002956624424&type=3
Monday, October 13, 2014
Subscribe to:
Posts (Atom)
चुप चुप अब रहता हूँ, तो फिर बोलना सिखा दे। मैं हँसता नहीं अब, तो फिर मुस्कुराना सिखा दे । सिखा दे हर वो चीज जो मैं भूल गया हूँ। ...
-
मोहब्बत कोई मीठा च्युइंगम नहीं जिसे सिर्फ मिठास की हद तक चबाया जाए..दुनिया में सबसे पवित्र है तो वो है बस- प्रेम, इश्क़, मोहब्बत ; जो द...
-
अपने पिछले Article में मैनें मोहब्बत/प्यार/इश्क के बारे में लिखने की कोशिश की। पर अभी लगता है जब तक प्यार में गुस्सा, रूठना-मनाना न हो, त...
-
चुप चुप अब रहता हूँ, तो फिर बोलना सिखा दे। मैं हँसता नहीं अब, तो फिर मुस्कुराना सिखा दे । सिखा दे हर वो चीज जो मैं भूल गया हूँ। ...