कोई जानकर नहीं करता मुहब्बत...
ये तो इन आँखों का असर है‚
इन्सान का कुसूर कुछ नहीं‚
जो कुसूर है वो इन आँखों का है....
दिल से नहीं मिलते इन्सान‚‚‚
मिलते भी हैं इन आँखों से
और एक भी हो जाते हैं इन आँखों से.....
–दीपराज सेंगर
https://www.facebook.com/deepraj4321/media_set?set=a.476854279089789&type=3
ये तो इन आँखों का असर है‚
इन्सान का कुसूर कुछ नहीं‚
जो कुसूर है वो इन आँखों का है....
दिल से नहीं मिलते इन्सान‚‚‚
मिलते भी हैं इन आँखों से
और एक भी हो जाते हैं इन आँखों से.....
–दीपराज सेंगर
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