Friday, November 7, 2014

चेहरा मेरा... पर झलक उस की...

चेहरा मेरा... पर झलक उस की...
आँखे मेरी... पर निग़ाहें उस की...
दिल मेरा... पर धड़कन उस की...
दिमाग मेरा... पर सोंच उस की...
शरीर मेरा... पर जान उस की...
जीवन मेरा... पर साँसे उस की...

- दीपराज सेंगर  



No comments:

Post a Comment

  चुप चुप अब रहता हूँ, तो फिर बोलना सिखा दे। मैं हँसता नहीं अब, तो फिर मुस्कुराना सिखा दे । सिखा दे हर वो चीज जो मैं भूल गया हूँ। ...