Thursday, October 16, 2014

तेरा एहसास..... और मेरा प्यार......

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जाने मुझे हक़ है या नहीं,
पर तुम्हारी परवाह करना अच्छा लगता है।

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तुमसे प्यार करना सही है या नहीं,
पर इस एहसास में जीना अच्छा लगता है।

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कभी हम साथ होंगें या नहीं,
पर ये ख्वाब देखना अच्छा लगता है।

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तुम मेरे हो या नहीं पर,
तुम्हें अपना कहना अच्छा लगता है।

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दिल को बहलाया तो बहुत पर, ये कमबख्त मानता ही नहीं,
शायद इसे भी सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही धड़कना अच्छा लगता है|।|❤|।|

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तुम्हारे बिन चुप–चुप रहना अच्छा लगता है।
खामोशी़ से सारे दर्द को सहना अच्छा लगता है।।

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तुम्हारी याद में आंसू बरसते हैं‚‚‚
पर सामने तुम्हारे कुछ न कहना अच्छा लगता है।।

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मिलकर तुमसे बिछड़ न जायें‚‚‚ डरते रहते हैं...
इसलिये बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।।  ।।

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दिल करता है‚‚‚ अपनी सारी खुशियाँ लाकर तुम्हें दे दूँ।
क्योंकि तुम्हारे प्यार में सब कुछ खोना अच्छा लगता है।।

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तुम्हारा मिलना या न मिलना किस्मत की बात है‚‚‚
पर पल–पल तुम्हारी याद में रोना अच्छा लगता है।।  ।।

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तम्हारे बिना सारी खुशियाँ, मुझे गम सी लगती ‚‚‚
और तुम्हारा साथ हो तो बड़ी से बड़ी परेशानियाँ भी कम सी लगती हैं।।

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तुम्हारी यादों में खोकर सोना अच्छा लगता है।
दूर रहकर भी तुमसे‚‚‚
हरपल तुम्हारे साथ होने के एहसास में जीना अच्छा लगता है।।

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हमसे मुहब्बत की नुमाइशें न हो सकीं‚‚‚
लेकिन फिर भी बस इतना जानते हैं कि‚‚‚
 तुमको हमेशा चाहते रहना अच्छा लगता है।। 
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Tuesday, October 14, 2014

कोई जानकर नहीं करता मुहब्बत...

कोई जानकर नहीं करता मुहब्बत...
ये तो इन आँखों का असर है‚
इन्सान का कुसूर कुछ नहीं‚
जो कुसूर है वो इन आँखों का है....
दिल से नहीं मिलते इन्सान‚‚‚
मिलते भी हैं इन आँखों से
और एक भी हो जाते हैं इन आँखों से.....


दीपराज सेंगर 


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♥ जिन्दगी तो नाम को सिर्फ मेरी है... ♥

जिन्दगी तो नाम को सिर्फ मेरी है‚
वैसे तो ये सिर्फ तुम्हारी है।।

सारे जहां के दरमियां बात भी सबसे अलग तुम्हारी है।।

तुम इस जहां में कुछ खास हो‚
तभी तो दुनिया की भीड़ में भी कुछ अलग पहचान तुम्हारी है।।

मेरी तो सांसें भी तुम्हारी हैं‚
तभी तो इन सांसों में खुशबू भी सिर्फ तुम्हारी है।।

अब तो मोहब्बत का आलम ये है कि‚
आइने में देखता तो खुद को हूं‚‚
पर उस आइने में दिखती सूरत सिर्फ तुम्हारी है।।♥।।

दीपराज सेंगर   




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  चुप चुप अब रहता हूँ, तो फिर बोलना सिखा दे। मैं हँसता नहीं अब, तो फिर मुस्कुराना सिखा दे । सिखा दे हर वो चीज जो मैं भूल गया हूँ। ...