Sunday, April 28, 2024

 

चुप चुप अब रहता हूँ,

तो फिर बोलना सिखा दे।

मैं हँसता नहीं अब,

तो फिर मुस्कुराना सिखा दे

सिखा दे हर वो चीज

जो मैं भूल गया हूँ।

पास कर दे हर वो इंसान,

जिससे मैं दूर हो गया हूँ।

दर्द भरा है सीने में,

तो सब दर्द मिटा दे।

घुट रहा हूँ मैं,

तो मुझे एक आसमान खुला दे।

सूख गये आँसू मेरे,

तू अब खुशियों से रुला दे।

ठुकरा दिया इस दुनिया ने,

तू बस अपना बना ले।

छोड़ दूंगा हर ऐब मैं,

तू मुझे अपनी आदत बना ले।

घर बनाऊँगा अपने मकान को,

जो तू इस घर को अपना बनाकर महका दे।

जानवर कहती हो मुझे,

तो तू मुझे फिर से इंसान बना दे।

है गुरेज़ जो इतना,

तो बन जा मेरी हमराही,

और मुझे मेरी मंजिल से मिला दे।




  चुप चुप अब रहता हूँ, तो फिर बोलना सिखा दे। मैं हँसता नहीं अब, तो फिर मुस्कुराना सिखा दे । सिखा दे हर वो चीज जो मैं भूल गया हूँ। ...